Wednesday, April 20, 2011

Straight from the heart

मैं हूँ तट की रेट मीत रे 
तू नदिया की चंचल धारा
रहा समीप युगों से तेरे 
फिर भी प्यासा हृदय हमारा 
कितना मैं लाचार रहा हूँ
तुमको अब तक ना छू पाया
तू सूर्य की किरण सुनहरी
मैं संध्या की काल छाया
मैं हूँ तट की रेट मीत रे 
तू नदिया की चंचल धारा
रहा समीप युगों से तेरे 
फिर भी प्यासा हृदय हमारा !!!

2 comments:

  1. hii

    acchi hai yaar!

    seriously nice :)

    my fav lines
    तू सूर्य की किरण सुनहरी
    मैं संध्या की काल छाया

    keep writing :D

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