Thursday, May 15, 2008

दोस्ती


ये दोस्ती का आशियाना

ये अपनेपन की लहरें

ज़िंदगी मे ऐसे चमन

रोज़ तो मिलते नहीं

हो जाती है यादें

सीने मे दफ़न

गए वक्त की तरह

लोग फिर मिलते नही

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